शब्दों की कमी हो
और बातें किए बिना
रहा ना जाए
तो कोई क्या करे?
खुश रहने की
कोई वजह ना हो
और मुस्कराना पड़े
तो कोई क्या करे?
जिंदगी चलती रहे
अपनी रफ्तार से
और मन कहीं रुका रहे
तो कोई क्या करे?
अनजानी वजहों से
खालीपन भरा मन
बरबस भर आए
तो कोई क्या करे?
बारिशों के इंतज़ार में
बंजर अन्तर में
आँसू अगर बरसें
तो कोई क्या करे?
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