एक जुगनू मेरा दोस्त है
रोज़ रात को आता है
जब सब सो जाते हैं
वो मुझसे बतियाता है
चादर ओढे मम्मी से छुपके
हमलोग कहानियाँ बनते हैं
कुछ अंधेरे से, कुछ उजाले से
सुंदर परछाईयाँ सजाते हैं
फ़िर जुगनू उड़ जाता है
कल आने को कह जाता है
अंधेरे में साथ देने वाला
जुगनू मुझे बहुत भाता है
रोज़ रात को आता है
जब सब सो जाते हैं
वो मुझसे बतियाता है
चादर ओढे मम्मी से छुपके
हमलोग कहानियाँ बनते हैं
कुछ अंधेरे से, कुछ उजाले से
सुंदर परछाईयाँ सजाते हैं
फ़िर जुगनू उड़ जाता है
कल आने को कह जाता है
अंधेरे में साथ देने वाला
जुगनू मुझे बहुत भाता है
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