सारे वादों को पूरा करना
अपने बस में नहीं होता
पर मन तो हर वादे को सोचे
काश वो पूरा होता
क्योंकि आधे छूटे वादे
दिल में घर कर जाते हैं
रोजाना की चीज़ों से जुड़
पल पल यादें बुलाते हैं
सोचा था मेरे सारे वादे
किसी दिन होंगे हमारे
याद आती है वो रात
जब कहा था देख कर तारे
आधा सा वादा कभी
आधे से ज़्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ
इस तरह वफ़ा का
अपने बस में नहीं होता
पर मन तो हर वादे को सोचे
काश वो पूरा होता
क्योंकि आधे छूटे वादे
दिल में घर कर जाते हैं
रोजाना की चीज़ों से जुड़
पल पल यादें बुलाते हैं
सोचा था मेरे सारे वादे
किसी दिन होंगे हमारे
याद आती है वो रात
जब कहा था देख कर तारे
आधा सा वादा कभी
आधे से ज़्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ
इस तरह वफ़ा का
[me waiting for a weekend when jab we met doesn't come on the tv :P]
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