छुटकी सी पतंग
सतरंगी खुशियों से
उजली किरणें बनाती
अँधियारा भगाती
खुले आसमान में
सपनों पे उड़ जाती है
नन्ही सी खुशी
बावली बातों से
उलझी भवें सुलझाती
ख़ुद से गुनगुनाती
बिन कुछ कहे
कहानियाँ गढ़ जाती है
आ जा मैं हवाओं पे
बिठा के ले चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
आ जा तेरे सपनों को
आसमान देता चलूँ
तू ही तो मेरी दोस्त है
[inspired from tu hi to meri dost hai from the movie yuvvraaj. written for C - Bhai and best friend]
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