जब सूरज पाँव पसारे
और सो जाते हैं तारे
तब चाँद अकेला बेचारा
रोता होगा दिन भर सारा
बिना साथी बिना सहारे
जाने पल कैसे कटते होंगे सारे
चलो कभी यूँ ही
आसमान की ओर मुस्कराएं सभी
कि चाँद खुश हो जाए
और रात को खूब जगमगाए
फ़िर अँधेरी रातों का कोई सहारा होगा
मुस्कराता वो साथी हमारा होगा
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