January 15, 2009

the lonely moon


जब सूरज पाँव पसारे

और सो जाते हैं तारे
तब चाँद अकेला बेचारा
रोता होगा दिन भर सारा
बिना साथी बिना सहारे
जाने पल कैसे कटते होंगे सारे
चलो कभी यूँ ही
आसमान की ओर मुस्कराएं सभी
कि चाँद खुश हो जाए
और रात को खूब जगमगाए
फ़िर अँधेरी रातों का कोई सहारा होगा
मुस्कराता वो साथी हमारा होगा

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