January 8, 2009

rain, rain, come again


जब कुछ बातें कहने को
मन उतावला होता है
और सुनने वाला कोई
दूर तक नहीं होता है
जाने क्यों बारिश होती है
बूँदें बस मेरी अपनी होती हैं

जब गीला मन कहीं
रोने को कन्धा ढूँढे
डर कर सहमा सा
निराशा की लड़ियाँ गूंथे
जाने क्यों बारिश होती है
बूँदें बस मेरी अपनी होती हैं

खुशियों से पागल हो
मन बावला सा घूमे
खोजे कोई अपना ऐसा
जिसके संग खूब झूमे
जाने क्यों बारिश होती है
बूँदें बस मेरी अपनी होती हैं

जब भी बारिश होती है
मिलता हूँ कुछ अपनों से
कुछ अपनी सी प्यारी बूँदें
मिलाती हैं मुझे सपनों से


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