June 7, 2009

कुम्भ का मेला


एक बादल आज मिलने आया था
कमरे में कोहरा लाया था
धुएँ की आड़ में गुदगुदी की थी
काले-कलूटे की नीयत अच्छी थी
हम मिल कर खूब हँसे थे
बिछडे दो साथी मिले थे