बात का बतंगड़
बोलती बातों की
बकर से बच के रहना
बातूनी शैतान हैं वो
बेकार की बेकारी दे जाएँगी
बस रह जाओगे तुम बरबस
बसा कर बयारों की बस्ती
बढ़-बढ़ के बकना बस फिर
बेसिरपैर की बातों से बौराना
बगैर बगलें झांके इसलिए
बंद करो ये बकर की बहस
बचकाना बचपना है ये बस
बतियाने से बदतर नहीं कोई बदमाशी
1 comment:
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