तारों की लकीरों से
कई चेहरे बन जाते हैं
पर सूरज जब चढ़ आए
सब के सब घुल जाते हैं
कल सुबह जब सूरज आयेगा
मैं कुछ पल मांग लूँगा
आँखों में छुपा कर चेहरे
रौशनी का सफर काट लूँगा
कि उजाले में दिखने वाले
समय कि रौशनी में घुल जायेंगे
और तारों वाले सारे चेहरे
हर अंधेरे में याद आएंगे
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