कहते हैं बातें करो
किसी ख़ास से तो
वक़्त थम जाता है
बातों की गली से
कुछ मुस्कानों का
रास्ता जाता है
कुछ बदनसीबों की
बातों का मतलब
कुछ और होता है
खूब बातें करते हैं
क्योंकि आंखों के सामने
वक़्त जाता होता है
----
अपने हिस्से की खामोशी
हाथों में थामे
वो चलता रहता है
बातों की यादों से बातें
गुमसुम सी फरियादें
वो करता रहता है
बातों भरी मुस्कानों की
गली में अब चुप्पी का
पहरा सा होता है
किसी से ना कह पाए
उन बातों को ले
पगला बस रोता है
किसी ख़ास से तो
वक़्त थम जाता है
बातों की गली से
कुछ मुस्कानों का
रास्ता जाता है
कुछ बदनसीबों की
बातों का मतलब
कुछ और होता है
खूब बातें करते हैं
क्योंकि आंखों के सामने
वक़्त जाता होता है
----
अपने हिस्से की खामोशी
हाथों में थामे
वो चलता रहता है
बातों की यादों से बातें
गुमसुम सी फरियादें
वो करता रहता है
बातों भरी मुस्कानों की
गली में अब चुप्पी का
पहरा सा होता है
किसी से ना कह पाए
उन बातों को ले
पगला बस रोता है
2 comments:
Kaun sunega,
kisko sunaye,
isliye akele me ye blog padte hai.
Gurudev, how r u..don't worry chicken won't make you fat..try some sattu too.. Though it doesn't sounds or tastes as interesting as pasta or pizza..parcel karwa du.. Be good dude...
@anon
hehe!! i'm fine.
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