August 13, 2009

bloooo


नीला आकाश सारा
आंखों में बसा कर
बादलों से उजले
सपने देखती हूँ
तारों भरी मुट्ठी
कस कर भींचे
सूरज की सारी
बातें सुनती हूँ

अब तो बस
मुझे सपनों को
सच करना है
आकाश के नीलेपन
की प्यारी चादर ओढ़
सपनों की नीली सी
घुट्टी पी कर
अपनी सारी दुनिया
आकाश सी नीली
कर जाना है

क्योंकि कल मेरा
अपना एक आकाश होगा
मेरी पतंग को उड़ने को
अपना नीला जहाँ होगा

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