भीगी आंखों से छलकी
कुछ खारी बूंदों में
मीठी हंसी कहीं
डूब सी गयी है
मन के खारे सागर की
कुछ खट्टी लहरों से
सपनों के कुछ घरौंदे
टूट कर बह गए हैं
बची है तो अब बस
हाथ से फिसलती रेत
और अधजली आशाओं का
घुटन भरा सूनापन
सागर सा बड़ा मन
सागर सा खाली है
सागर सा खारा मन
सागर सा भारी है
[written after a prolonged session of staring-at-the-sea]
सागर सा खाली है
सागर सा खारा मन
सागर सा भारी है
[written after a prolonged session of staring-at-the-sea]
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