who am i
June 18, 2008
दुःख के साथी
आज
बूंदों के गले
गिले बाँध कर
कुछ आंसू बस यूँ ही
बारिश के नाम
लुटा कर
आसमान की
ओर
भीगी पलकों से
कुछ बातें कह
मन हल्का हो गया
पता चला दुनिया
इतनी नहीं बदरंग
कोई और भी
रोता है मेरे संग
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