September 30, 2011

catch-22



जब से तुम गए हो, ये शहर
कुछ अनजाना अधूरा सा लगता है
पर इसे छोड़ कर जो जाना चाहूं
पैरों में कुछ बंधा जकड़ा सा लगता है
कि तुम्हारी यादें न हो तो कहीं
मन कुछ सूना खाली सा लगता है  
तुम्हे सोच सकूं जिसकी गलियों में
वो शहर जाना पहचाना अपना सा लगता है 

Image by Basu. Part of an experiment he did with incense smoke.

2 comments:

Anonymous said...

वाह वाह!!!! ...सराहनीय

naween said...

@Anon: Dhanyawad dhanyawad :)