September 23, 2008

of stars and stories


तारों की लकीरों से
कई चेहरे बन जाते हैं
पर सूरज जब चढ़ आए
सब के सब घुल जाते हैं

कल सुबह जब सूरज आयेगा
मैं कुछ पल मांग लूँगा
आँखों में छुपा कर चेहरे
रौशनी का सफर काट लूँगा

कि उजाले में दिखने वाले
समय कि रौशनी में घुल जायेंगे
और तारों वाले सारे चेहरे
हर अंधेरे में याद आएंगे

No comments: