October 12, 2008

तुम..


कल तुमसे कहते कहते
रुक गई थी कहीं जुबां
कहना था जरूरी कुछ
शब्दों के ना मिले निशान

कहना था कि बस तुम
जाना नहीं अब कहीं
कि कभी आंसू छलकें
तुम चली आना वहीँ
कहना था कि जब तुम
गुम हो जाती हो कहीं
ज़िन्दगी बस रुकी-थमी
रोती रहती है वहीँ
कहना था कि चाहूँ मैं
छुपा लूँ तुमको कहीं
जब हो तुम्हारी खुशी
हंसूं मैं भी बस वहीं

तुम रहो तो कुछ बातें
बिन कहे ही कानों में
तुम सुनो तो ये रातें
कट जाए बस बातों में

तुम हो तो गाता है दिल
तुम नहीं तो गीत कहाँ
तुम हो तो है सब हासिल
तुम नहीं तो क्या है यहाँ

तुमको है मांगती ये जिंदगी
....

[lifted from the song tum ho to from rock on!!]

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