January 5, 2010

गरीबी की कहानी


टिमटिमाते टिमटिमाते कभी

अँधेरे में धंस गायब हो जाते हैं
तारों पे भरोसा मत करना
जब ज़रुरत पड़ती है कतरा जाते हैं

इंसान बेचारा चाह कर भी
कुछ कहाँ कर पाता है
रात के सारे हिसाब वो रखें
उनके पास सपनों का खाता है

तो भईया लो, सारे सपने
चमकीले साहूकार गिरवी रखें
और जब डूबते दिल को ज़रुरत पड़े
दूर से चोर सारे ठेंगा दिखावें

inspired by a song from the movie ishqiya :)


3 comments:

Sunny said...

Sahi mein? 5th Dec ke baad 5th Jan?

Ramesh said...

and after 5 Jan nothing .. nada .. zilch .. how thou have fallen by allying with shibu soren

Blog Barfer said...

i weep waiting for you :( ..