नज़रें संभालिये, गज़ब न हो जाये
आपके हुस्न से चाँद को पसीना आ जाये
आप हमें देखें तो दिल काफिर ना हो जाये
वो बोले :
निगाहें मिला सकें, ऐसे करम कहाँ
रस्मों के होते हैं सौ पर्दे यहाँ
आपके इश्क का दिल में बसाया था मकाँ
नज़रें चार हों तो ये आबाद हो जाये
i was preparing my CV for the summer internship process here and there was that achievements and awards heading to fill up. people often think that i'd consider getting into IIT as my biggest achievement. but i don't. i dropped a year for IIT and still managed only rank 2148, which i don't think is good. according to me, i barely got through.
the accomplishments that i do consider my biggest ones were both surprise ones.
the first one is the NTSE scholarship i got. to be more specific, the first round. it was special coz i never expected to get through [:P]! i didn't study a word for it, while many of my friends really put in hours. no, i wasn't a stud. it's just that on the day of the test, the logical reasoning questions somehow seemed easy! my general knowledge in those days used to be pretty okay and so i could crack most of the history questions as well.
of course, i didn't push my luck after clearing the first round. i studied and i must have scored pretty well in the second written round (they don't release the scores) coz my interview went pretty bad and still i got through!!
the second one is when i came 9th in an all-india essay competition organised by ICSE. it was open to students from 9th to 12th and i was in 9th when i secured a place in the top 15 - the number of essays that came out in the form of a booklet !! we were given about two hours to write the essay. we were sent to the library to do this and i was so convinced that i didn't stand a chance that i spent more than half the time reading a novel [:P]. it was an erle stanley gardener one, i think! anyways, with half an hour to go, my friend convinced me that it would look pretty bad if i turned in a botched attempt! so i wrote something. to be honest, it was shit!! what worked though was that i started it with a joke. something about corruption and the indian culture. my principal liked it and sent it as the school's entry. i was more than happy at this point of time because the other entry from the school was by the school's english stud. and he was in std 12!! it was indeed a yahoo moment for me!! and when i came to know, my essay had been selected, it was a google moment [:P]! okki, bad joke!!
i think i should get back to finishing that CV now [:)]!
lottssss of songs i've heard in the past few days - bhool bhulaiya, manorama-six feet under, laaga chunari mein daag, jab we met, om shanti om, chhodo na yaar, saawariya, dil dosti etc, zindagi (zubeen garg) and junoon (abhijeet sawant). the last one is an old one actually but i made up my mind to listen to it after listening to the song whose new video is being shown on the telly these days.
i'll give the best of the best. at least two are good in each one of them..
तेरे एहसासों में, महकी सी साँसों में
ये जो महक संदली सी है
दिल की पनाहों में
बिखरी सी आहों में
सोने की ख्वाहिश जगी सी है
चेहरे से चेहरा छुपाओ
सीने की धड़कन सुनाओ
देख लो ख़ुद को तुम
आंखों में, मेरी आँखों में
[लबों को लबों से - भूल भुलैया ]
जब से तेरे नैना ,मेरे नैनों से लागे रे
तब से दीवाना हुआ, सबसे बेगाना हुआ
रब भी दीवाना लागे रे
[जब से तेरे नैना - सांवरिया ]
मनवा में मेरे आंधी है उठी
बस स्तब्ध खड़ी हूँ मैं
साँसों में बाँध अब मेरी साँस
निशब्द खडी हूँ मैं
दुनिया से जीती, जीती ख़ुद से हारी,
बस ध्वस्त खड़ी हूँ मैं
आईना मैं, और अक्स मैं
मदमस्त खड़ी हूँ मैं
[लागा चुनरी में दाग]
बेबसी का गुमान तेरे संग मंज़ूर है
अपना तुझे मान कर, दिल मेरा मगरूर है
अरमान सारे तुझपे हैं वारे
ख़ुद को किया तेरे हवाले
कसक उठी मेरे मन में पिया मुझे गले लगा ले
[कसक - छोडो न यार]
वो शख्स जिसके काँधे पे सिर रखके मैं सोया
सीने से जिसके लग के, कई बार मैं रोया
जिसकी ज़ुल्फ़ों की खुशबू में रातों को खोया
जिस जिस्म की बरसात में ये जिस्म भिगोया
इक दिन किसी बात पर वो रूठ गया था
उस हादसे के बाद ये दिल टूट गया था
[एक शख्स - जूनून ]
ख्वाब हसीं जो संजोये थे, छोड़ गए सब नैना
पल पल मर मर के ढलती हैं काली घनेरी रैना
जिस्म हूँ मैं, तू जान है मेरी
जीने की तू वजह है मेरी
तेरे बिन कुछ न भाये, लौट आ
जिया रे, जिया रे, लागे नाही जिया रे...
[जिया रे - जिन्दगी ]
चस्का पे ताला लगता नहीं
भेजा ये साला सुनता नहीं
तो क्या करें
सर पे चढ़ा है, ये जिद पे अड़ा है
कीडा लगा रे लगा
दम लगा, दम लगा ...
[दम लगा - दिल दोस्ती etc]
खुशनुमा आवारा सा, बेसबब बेचारा सा, लम्हा था
जिन्दगी के आसमान में, टूटा सा वो तारा था, तनहा था
कह रहे हैं ज़र्रे देखो, रास्तों से गुजरा था यहाँ
ढूंढते हैं उसको लेकिन, गायब हैं पैरों के निशान
लम्हा ये जाएगा कहाँ, लम्हा ये जाएगा कहाँ
लम्हा कहाँ ये खो गया, इक पल में तनहा हो गया
[लम्हा - दिल दोस्ती etc]
आंखों में तेरी, अजब सी, अजब सी अदाएं हैं
दिल को बना दे जो पतंग, साँसे ये तेरी, वो हवाएं हैं..
तेरे साथ साथ ऐसा कोई नूर आया है
चाँद तेरी रौशनी का हल्का सा इक साया है
तेरी नज़रों ने दिल का किया जो हश्र, असर ये हुआ
अब इनमें ही डूब के हो जाऊं पार, यही है दुआ..
[आंखों में तेरी - ओम शान्ति ओम ]
छन से जो टूटे कोई सपना, जग सूना सूना लागे
कोई रहे न जब अपना, जग सूना सूना लागे
है तो ये क्यों होता है, जब ये दिल रोता है
रोये सिसक सिसक के हवाएं सन सन
[जग सूना सूना लागे - ओम शान्ति ओम]
my favorite [:)]
आधा सा वादा कभी, आधे से ज़्यादा कभी
जीं चाहे कर लूँ तुमसे कभी
वफ़ा का
छोडे ना छूटे कभी
तोडे न टूटे कभी
जो धागा तुमसे जुड़ गया
वफ़ा का
मैं तेरा सरमाया हूँ
जो भी मैं बन पाया हूँ
तुमसे ही, तुमसे ही
रास्ते मिल जाते हैं
मंजिलें मिल जाती हैं,
तुमसे ही, तुमसे ही...
[तुमसे ही - जब वी मेट ]