शैतान चाँद रोज़ रातपोटली भर अनगिनत तारेइधर उधर यूँ ही बिखरासारा आसमान गन्दा करता हैफिर सुबह बेचारा सूरजगुस्से में लाल हो करहाथ में झाड़ू लिएसब तारे साफ़ करता है
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