May 4, 2012

Myopia

बदनसीबी के मौसम
कुछ ऐसे घर कर गए
दरिया किनारे बैठे
हम प्यासे मर गए

बारिश की बूँदें आईं तो
मन हल्का करने हमारा
हम छाता उड़ जाने का
ग़म मनाते रह गए

2 comments:

P. said...

BOhat khoobsurat.

Ise thoda aur continue karna chahiye - monsoons are coming :)

naween said...

@Peecee: Arre, abhi to bahut door hain monsoons!! :)