बदनसीबी के मौसम
कुछ ऐसे घर कर गए
दरिया किनारे बैठे
हम प्यासे मर गए
बारिश की बूँदें आईं तो
मन हल्का करने हमारा
हम छाता उड़ जाने का
ग़म मनाते रह गए
कुछ ऐसे घर कर गए
दरिया किनारे बैठे
हम प्यासे मर गए
बारिश की बूँदें आईं तो
मन हल्का करने हमारा
हम छाता उड़ जाने का
ग़म मनाते रह गए
2 comments:
BOhat khoobsurat.
Ise thoda aur continue karna chahiye - monsoons are coming :)
@Peecee: Arre, abhi to bahut door hain monsoons!! :)
Post a Comment