अधूरे से इक ख्याल
अधूरे से इक ख्वाब
के लिए
मांगी मैंने इक दुआ
ये सोच कर
कि कुछ पूरी होगी
अधूरी तस्वीर
आंखों को मीचे
मैंने भरे कुछ रंग
खींची कुछ लकीरें
कि देख सकूं
एक पूरा सपना
पर आंखें खोलीं तो
सामने बुत भी अधूरे थे
अब क्या करूं
अधूरे बुतों से
अधूरे ख्वाबों की
अधूरी सी दुआ माँग
अधूरी तस्वीर के पूरे होने का
अधूरी तस्वीर के पूरे होने का
ख्वाब कैसे देखूं ?
[based on a true incident. written in a strategy class where i find all the arguments incomplete.]
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