April 30, 2011

twist in the tale


एक ख्याल आया कि
बालू भरे जूते
थोड़े साफ़ कर लें
फिर सोचा कि
रेगिस्तान तो अभी
कई और भी हैं

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कोशिश करते रहे
धूसर दीवारों में
बाहर देखने को
झरोखे बना सकें...
एक नज़र उठा कर
देखा भी नहीं
सर पे हमारे सतरंगी
आसमान ताकता रहा


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