who am i
July 11, 2007
इंतज़ार
रातों में तारों को तकते
टिमटिमाते मोतियों में
तेरी आंखों को ढूंढते
उमड़ घुमड़ के आते जाते
कुछ सयाने बादलों से
तेरा पता पूछते पूछते
बरसों जिन्दगी काटी है
लम्हों को गिनते गिनते
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