February 9, 2008

शायरी (at its worst) :P

यादों के पन्नों से मिट चुके
वो तेरे किस्से याद आते हैं
कोरे कागज़ पर तेरी तस्वीर के
कुछ अनजाने निशाँ उभर आते हैं

दिल का कोई एक छोटा कोना
तेरी याद संजोये रहता है
आंखें नामी छुपाती फिरती हैं
पर दर्द का साथ तो फिर भी रहता है

रो कर जब मन भर जाता है
हम खुद पर थोडा हंस लेते हैं
कभी खुद को, कभी तुझे
कभी किस्मत को कोस लेते हैं

कमबख्त इश्क भी बड़ी बुरी चीज़ है
सांस भी नही लेने देता है
पहले उसके ख्यालों में खोये रहते थे
अब उसका गम जीने नही देता है

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