जागें हैं देर तक
कुछ देर सोने दो
थोड़ी सी रात और है
सुबह तो होने दो
आधे अधूरे ख्वाब जो
पूरे ना हो सके
एक बार फिर से नींद में
वो ख्वाब बोने दो
रात के अँधेरे में
छुपा लो मुझे
ले फिर मुझे बाहों में
थोडा सुकून तो दो
सपने भी शायद
आपके साथ चलें
चांदनी जलाती है
गेसुओं की छाँव तो दो
कल सुबह फिर शायद
साथ भी न हो सके
उन्ग्लिओं की इस छुअन को
कहीं छुपा लेने दो
कल की कुछ खबर नहीं
बस आज यहीं जी लेने दो
------------------------------
lifted from the song 'jaage hain' from guru.
No comments:
Post a Comment